जमशेदपुर : चर्चित हत्याकांड टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष बिजी गोपाल हत्याकांड मामले में आजीवन सजा काट रहे सजायाफ्ता कुणाल जैना को अच्छे आचरण के लिए सज़ा के पूर्व ही रिहा किया गया

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जमशेदपुर : 1993 जमशेदपुर का चर्चित हत्याकांड टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष बिजी गोपाल हत्याकांड मामले में आजीवन सजा काट रहे सजायाफ्ता कुणाल जैना को अच्छे आचरण के लिए सज़ा के पूर्व ही रिहा किया गया, अच्छे आचरण को देखते हुए अन्य मामलों के दो अन्य सजायाफ्ता को भी सजा पूरा होने से पहले ही रिहा किया गया ।

14 अक्टूबर 1993 को दोपहर के वक्त टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष बिजी गोपाल अपनी अंगरक्षक के साथ बिष्टुपुर टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय से निकल रहे थे, तभी गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गई थी जहां उनके रक्षक की भी मौत हो गई थी, इस मामले में वर्तमान मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के हस्तक्षेप से मामले की सीबीआई जांच भी करवाई गई थी जिसमें कुणाल जाना समेत दो अन्य लोगों को सजा सुनाई गई थी । 17 साल बाद अच्छे आचरण को देखते हुए कुणाल जाना को रिहा किया गया। अच्छे आचरण पर रिहा करने की नीति के तहत दो अन्य मामलों में सजायाफ्ता को भी रिहा किया गया । रिहा होने के बाद कुणाल जैना ने अपने आप को निर्दोष बताया उन्होंने बताया कि उनकी गलती बस इतनी थी कि जिस जगह पर हत्या हुई थी उस जगह पर वे बाहर देखे गए थे प्रशासन ने उनसे सरकारी गवाह बनने का दबाव बनाया पर वे सरकारी गवाह नहीं बने जिसकी वजह से उन्हें यह सजा काटनी पड़ी। उन्होंने बताया कि झारखंड इन्नोवेटेड लिबरल ऑर्गनाइजेशन के तहत 400 आदिवासी बंदियों को उनके द्वारा शिक्षित किया गया और 208 कैदियों को मुख्य धारा से उनके द्वारा जोड़ा गया जिसके बाद वे कैदी दोबारा जेल नहीं आए उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है अपनी राह से भटके युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ना उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया कि आज उन्हें रिहा किया जा रहा है उनके आचरण को देखते हुए उन्होंने कहा समझ में सामाजिक के लिए कुछ करना ही उनका मुख्य उद्देश्य है उन्होंने युवाओं से कहा कि युवा अपराध की दुनिया को छोड़कर कुछ अच्छा काम करें देश समाज का नाम रोशन करने का कार्य करें ।

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