संतान की दीर्घायु... सुखी और निरोगी जीवन के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत 25 काे... जाने क्यों होता है यह व्रत.. विस्तार से


Publish Date: Tue, 24 Sep 2024 09:14 AM (IST)


 

जमशेदपुर : संतान की दीर्घायु, सुखी और निरोगी जीवन के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है. यह व्रत हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. सनातन संस्कृति में संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए जितिया व्रत की पुरातन परंपरा रही है।


बिहार और उत्तर प्रदेश में प्रचलित है जितिया पर्व....

बिहार और उत्तर प्रदेश में प्रचलित इस जितिया पर्व में माताएं पूरी एक तिथि निर्जला उपवास रखकर जीमूतवाहन की आराधना करती है. इस व्रत की शुरुआत एक खास और अनोखी परंपरा से होती है, जो व्रत से एक दिन पहले निभाई जाती है. मंगलवार को निर्जला व्रत शुरू करने से पहले सोमवार को महिलाओं ने परंपरागत मान्यताओं के अनुसार मड़ुआ की रोटी और मछली का सेवन किया. हर व्रती को माछ-मड़ुआ उपलब्ध हो, इसलिए यह मान्यता है कि जो जितना बांटता है, उसके संतान की आयु में उतनी बढ़ोतरी होती है. मंगलवार सुबह सूर्योदय से पूर्व महिलाएं ओठगन (अल्पाहार) करके निर्जला व्रत की शुरूआत करेंगी।


पुराने जमाने में खाने की इतनी वैरायटी नहीं होती थी.....


इस संबंध में पंडित राजदेव पाण्डेय बताते हैं कि पुराने जमाने में खाने की इतनी वैरायटी नहीं होती थी. मड़ुआ की खेती बड़े पैमाने पर होती थी और बरसात के मौसम में मछली आसानी से मिल जाती थी. इसलिए यह व्रत इन पौराणिक मान्यताओं और उस समय की भोजन संबंधी परिस्थितियों से जुड़ा है. उनका कहना है कि हमारे हिंदू धर्म में व्रत से पूर्व संतुलित आहार को बहुत महत्व दिया गया है. जितिया व्रत से पूर्व महिलाओं के खानपान का पूरा ध्यान रखा जाता है. इस संतुलित आहार के कारण लंबी अवधि तक शरीर को ऊर्जा मिलती है और गैस जैसी परेशानी से निजात मिलती है. मडुआ हर कोई भर पेट खा सकता है. मधुमह के मरीज भी यह भोजन ले सकते हैं. यही कारण रहा कि यह सबके लिए अनिवार्य किया गया है. वैसे वैष्णव संप्रदाय की महिलाएं आज के दिन मछली के बदले नौनी साग बनाती हैं।



24 सितंबर मंगलवार की शाम 6:07 से अष्टमी का प्रवेश होगा जो बुधवार 25 सितंबर शाम 5:05 मिनट तक अष्टमी रहेगा. उसके बाद महिलाएं पारण कर सकती हैं. मिथिला पंचांग को मानने वाले 23 को माछ-मडुआ खाए. ओठगन तीन बजे सुबह कर लें. 24 सितंबर को व्रत करें और 25 को शाम 5:05 में पारण होगा. मंगलवार अहले सुबह से महिलाएं 35 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगी. मंगलवार को व्रती स्नान कर नव वस्त्र धारण करेंगी. इसके बाद भगवान जीमूतवाहन की पूजा करेंगी. इसके लिए कुश से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करेंगी. इस व्रत में कहीं कहीं मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है. इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है।

By News Flash


ताज़ा ख़बरे


रक्षा बंधन 2025 : श्रवण नक्षत्र और सौभाग्य योग में मनाया जाएगा राखी का पर्व, जानें शुभ मुहूर्त

  09 Aug 2025


BREAKING : सोनारी के दोमुहानी डोबो पूल से भूइयांडीह की युवती लगाई छलांग, खोजबीन जारी

  01 Aug 2025


चाईबासा : सिगरेट पीने के आरोप में जनसेवक सस्पेंड, कार्यालय में सिगरेट पीते वीडियो हुआ था वायरल, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हुई करवाई, पढ़े पूरी खबर

  07 Jul 2025


BIG BREAKING : पुरी रथ यात्रा में बड़ा हादसा, 600 श्रद्धालु घायल

  28 Jun 2025


BREAKING : चांडिल डैम के 10 गेट एकसाथ खोले गए, 3109 क्यूमेक्स पानी का विकराल बहाव, नदियों में तबाही का अलर्ट!

  20 Jun 2025


दिल दहला देने वाली घटना : शादी के महज 15 दिन बाद, 27 वर्षीय पत्नी ने 53 साल के पति की कर दी हत्या

  12 Jun 2025


Jac 10th result : आज 12.30 बजे जारी होगा जैक बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट, जानिए स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट किस वेबसाइट पर देख सकते हैं.... पढ़े पूरी खबर

  27 May 2025


JAMSHEDPUR : मानगो वर्कर्स कॉलेज के बाहर छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट

  23 May 2025


BREAKING : साकची के HOTEL-EL-DORADO युवती आत्महत्या मामले में पुलिस ने एक युवती समेत चार को भेजा जेल....

  13 May 2025


BIG-BREAKING : भारत पाकिस्तान तनाव पर बड़ा अपडेट, दोनों देशों के बीच सीजफायर, पढ़े पूरी खबर

  10 May 2025

सब्सक्राइब करें न्यूज़ फ़्लैश के डेली न्यूज़लेटर

Follow Us

            
free HitCounter

Copyright © 2023 News Flash Jharkhand. All Rights Reserved.